लाल मिर्च

लाल मिर्च

लगभग 500 वर्ष पूर्व भारतीय लाल मिर्च से अनभिज्ञ थे। भारत में इसके पौधे को लाने वाले पुर्तगाली माने जाते है। धीरे-धीरे इसकी खेती पूरे देश में की जाने लगी। वस्तुतः इसका मूल स्थान दक्षिणी अमेरिका माना जाता है। पेरू के आदिवासी प्रागैतिहासिक काल से ही लाल मिर्च से भिज्ञ थे। यह एक महत्तवपूर्ण मसाला है।

लाल मिर्च सोलेनेसी परिवार का सदस्य है। इसका नाम कैप्सिकम एनुअमलिन है। लाल मिर्च वास्तव मे इसी जाति का सूखा हुआ फल है।

विभिन्ननामः- हिन्दी, पंजाबी एवं उर्दू में लाल मिर्चा, अंग्रेजी में चिली, गुजराती में मर्चा, कंन्नड़ में मेंसिनकाई, तमिल में मिलगै, बंगला एवं उड़िया में लंका कहते है।

गुणधर्म – यह ऊष्णवीर्य, तीक्ष्ण, अग्निवर्धक, रूचिकर, रक्तपित्त नाशक और कफनाशक है। चर्मरोग, कृमिरोग, विषदोष एवं व्रणदोष में उपकारी है।

रासायनिक संघटन –
जलांश: 7.9%; प्रोटीन: 13.8%; वसा: 10.4%; कच्चा रेशा: 19.00% ; कार्बोहाइड्रेट: 40.1%; कुल भस्म: 7.1%; कैल्शियम 0.2%; लौह: 0.22%; फास्फोरस:0.3%; सोडियम: 0.02%; पोटेशियम: 2. 40५%; ; विटामिन ए: 4915 , कैलोरी/ 100ग्रा0: 390

उपयोग – लाल मिर्च अनेक प्रकार की औषधियो में प्रयुक्त होता है। जलन उतपन्न करने के लिए जहा भी उसकी आवश्यकता समझी जाती है वहा प्रयोग कर लिया जाता है। छोटी-छोटी फुंसिया उठने पर उनपर लेप दिया जाता है। जोड़ो के दर्द में मिर्चे को तेल मे गरम कर उसकी मालिस की जाती है। कुत्ते काटने पर या बर्रे छेदने पर भी मिर्चा पीसकर लगाया जाता है। जहा तक मिर्चे को खाने का प्रश्न है यह अल्प मात्रा मे ही लेना चाहिए।

सीमित मात्रा में प्रयोग करने पर यह अग्निदीपक है परन्तु प्रचुर मात्रा में प्रयोग करने पर यह अम्लपित्तकारक हैै। भोजन को स्वादिष्ट बनाने में भी इसका उपयोग होता है। याद रखिये सब्जी, मीट या चाट कुछ भी बनाना हो तो यदि नमक और मिर्चा उसमें सही ढंग से नही पड़ा है तो खाद्य स्वादिष्ट नही बनेगा। केवल नमक और मिर्चे के सही प्रयोग से ही भोजन स्वादिष्ट बन जाता है। इस प्रकार मसाले में मिचे का महत्तवपूर्ण स्थान है।

हमारे समूह द्वारा पतली छोटी लाल मिर्च पिसाई जाती है जो कि बहुत कडु़वी और स्वादिष्ट होती है। समूह लाल मिर्च पिसी और कुटी दोनो तैयार कराता है। इसमें किसी प्रकार का कृत्रिम रंग नही पड़ता है यह प्राकृतिक रंगो से युक्त होता है।

इसके अतिरिक्त लाल मिर्च का उपयोग हमारे सब्जी मसाले, मीट मसाला, रायता मसाला, चाट मसाला, पानी पूरी मसाला, बरी, अचार आदि में भी सीमित मात्रा में प्रयुक्त होता है। कुटा मोटा मिर्चा सूखी सब्जी, चाट इत्यदि में प्रयुक्त होता है।

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