छोटी इलायची

छोटी इलायची

यह मूलरूप से भारत का पौधा है। भारत द्वारा निर्यात किये जाने वाले मसालो मे कालीमिर्च के बाद छोटी इलायची का ही स्थान है। यह मसालो की रानी कही जाती है और विश्व के बहुमूल्य मसालो मे से एक है। भारत मे केरल राज्य मे इसकी सार्वधिक खेती होती है। इसके अतिरिक्त श्रीलंका, थाईलैण्ड, ग्वाटेमाला आदि देश भी इसके उत्पादनकर्ता है। लाओस, वियतनाम, कोस्टारिका, एलसल्वाडोर और तन्जानिया मे लघु स्तर पर इसकी खेती होती है। परन्तु अपनी विशेष सुगंध और स्वाद के कारण भारत की इलायची सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है। इसके इसी गुण के कारण मध्यपूर्व देशो के आयातक इसे अन्य देशो की इलायची से श्रेष्ठ मानते है। छोटी इलायची की खेती का श्रेत्रफल भारत मे सर्वाधिक है और यह विशव के 90ः के बराबर है। केवल रंग के संबध मे यहां की इलायची ग्वाटेमाला की इलायची से निम्नस्तरीय है। परन्तु गुणो मे भारतीय इलायची आज भी सर्वश्रेष्ठ है।
यह जिजिबेरेशी परिवार का सदस्य है। जिसका वानस्पितिक नाम एलेटेरिया कार्डामोमम मेटन है।

विभिन्न नाम – संस्कृत – एला, हिंदी और बंग्ला – छोटी इलायची, गुजराती – एलायची, उड़िया – अलायची, कन्नड़- येलकी, मलयालम- ऐलातरी, तमिल व तेलुगु- एलकै।

रासायनिक संघटन – देशकाल एंव परिस्थिति के अनुसार छोटी इलायची के रासायनिक संघटन मे थोड़ा बहुत अन्तर आ जाता है। वैसे इसका रासायनिक संघटन निम्नलिखित है।

जलांश: 7-10ः, वाष्पशील तेल: 5.5-10.5%, अवापशील ईथर सार: 2.0-4.5%; कुल भस्म: 3.7-6.7%; भस्म की क्षारता -0.4- 2.4%; जल मे विलेय भस्म: 1.2-5.0%; एसिड अविलेय भस्म: 0.4-1.8%; अवाष्पशील ईथर: 2.0-4.5%; कच्चा रेशा: 6.7-12.09%; कच्चा प्रोटीन : 7.0-49.8%; कैल्शियम: 0.3%; फांस्फोरस : 0.21% , सोडियम: 0.01%, पोटैश्धियम: 1.2%, लौहः 0.011%, विटामिन मिलीग्राम / ग्राम , विटामिन बी1 थायमीन: 0.18, विटामिन बी
2 रिबोफलेविन 0.23%, नियासिन: 2.2%, विटामिन सी एस्कोर्बिक एसिड: 11.0% और विटामिन ए 174 अंत, यूनिट बीजो के प्रति 100 ग्रा0 मे

गुर्ण धर्म एंव उपयोग – आयुर्वेद के मतानुसार यह शीतल, पाचक, सुगंधित, क्षुधावर्धक, ह्रदय को बलकारी, कफनाशक, उदरवायुनिस्सारक, उत्तेजक व मू़़त्रल है। खांसी, हिचकी, सिर दर्द, एनीमिया, फेफड़े के रोग अपच ,वमन रोकने मे तथा बवासीर मे हितकारी है।

इसमे नियासीन, पोटैशियम, कैल्शियम, मैगनीज, आयरन एंव विटामिन सी भी पाया जाता है। यह लालरक्त कणिका के निर्माण मे सहायक है।

इसका अनेक प्रकार की दवाओ मे प्रयोग होता है। इलायची के बीज चबाने से मुख की दुर्गन्ध दूर होती है। अपच मे छोटी इलायची के बीज सोठ, लौग और श्यामाजीरे कालाजीरा के चूर्ण को एक साथ मिलाकर दिया जाता है। इलायची और दालचीनी के उबले पानी से गरारा करने से गले की खराश, शोथ आदि मे लाभ होता है। हिचकी रोकने के लिए तीन या चार इलायची छिलके सहित देशी पुदीने की पत्ती के साथ पीस कर पानी मे उबालकर पीने से लाभ होता है। इसे दिन मे तीन या चार बार प्रयोग करना चाहिए।

प्रायः लोग चाय के साथ छोटी इलायची उबालकर पीते है। जिससे चाय अत्याधिक स्वादिष्ट एंव सुगंधित हो जाती है। अरब देशो मे तो काफी कहवा मे इलायची अवश्य डालते है। बिना इलायची युक्त कहवा के उनका कोई भी धार्मिक एंव सामाजिक उत्सव पूर्ण नही होता। भोजनोपरान्त लोग छोटी इलायची खाते है। हमारे देश मे अतिथ्य सतकार मे छोटी इलायची परोसी जाती है।

इसके अतिरिक्त छोटी इलायची का प्रयोग विभिन्न प्रकार की मिठाईयो, बेकरी उत्पादो, शीतलपेयो, दूध, मसालो एंव धार्मिक व समाजिक कृत्यो मे भी किया जाता है।

हमारे समूह द्वारा अच्छी प्रकार की बड़े दाने की हरी छोटी इलायची का विक्रय किया जाता है। इसके अतिरिक्त हमारे मीट मसाले, भुजिया मसाले आदि मे भी इसका प्रयोग होता है। होली के अवसर पर समूह द्वारा गुझिया मिष्ठान्न बनाया जाता है। जिसमे स्वाद एंव सुंगन्ध के लिए छोटी इलायची का प्रयोग होता है। हमारा समूह शीतोपलादि चूर्ण भी बनाता है। जो खांसी, श्वास फूलने आदि रोगो मे बहुत लाभ करता है। कफ निस्सारक गुण होने के कारण इसके बीज का चूर्ण शीतोपलादि मे पड़ता है। यह चूर्ण समूह द्वारा निशुल्क वितरित किया जाता है।

743 comments

I’m often to blogging and i really appreciate your content. The article has actually peaks my interest. I’m going to bookmark your web site and maintain checking for brand spanking new information.

naturally like your web site however you need to take a look at the spelling on several of your posts. A number of them are rife with spelling problems and I find it very bothersome to tell the truth on the other hand I will surely come again again.

You’re so awesome! I don’t believe I have read a single thing like that before. So great to find someone with some original thoughts on this topic. Really.. thank you for starting this up. This website is something that is needed on the internet, someone with a little originality!

I’m often to blogging and i really appreciate your content. The article has actually peaks my interest. I’m going to bookmark your web site and maintain checking for brand spanking new information.

This is really interesting, You’re a very skilled blogger. I’ve joined your feed and look forward to seeking more of your magnificent post. Also, I’ve shared your site in my social networks!

You’re so awesome! I don’t believe I have read a single thing like that before. So great to find someone with some original thoughts on this topic. Really.. thank you for starting this up. This website is something that is needed on the internet, someone with a little originality!

I’m often to blogging and i really appreciate your content. The article has actually peaks my interest. I’m going to bookmark your web site and maintain checking for brand spanking new information.

Try to slowly read the articles on this website, don’t just comment, I think the posts on this page are very helpful, because I understand the intent of the author of this article.

You’re so awesome! I don’t believe I have read a single thing like that before. So great to find someone with some original thoughts on this topic. Really.. thank you for starting this up. This website is something that is needed on the internet, someone with a little originality!

Если брат и сестра случайно встречаются на
открытом месте, то им надлежит сразу
же убегать и прятаться. Кроме того, если братья или сестры узнают следы ног друг друга на
песке, то им ни в коем случае нельзя идти
по этим следам. Все это называется «правила избегания».
не продавая?

Hi there to all, for the reason that I am genuinely keen of reading this website’s post to be updated on a regular basis. It carries pleasant stuff.

This is really interesting, You’re a very skilled blogger. I’ve joined your feed and look forward to seeking more of your magnificent post. Also, I’ve shared your site in my social networks!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *